3rd Janjatiya Gaurav Divas 2023 - थर्ड जनजातीय गौरव दिवस 2023

JAN SHIKSHAN SANSTHAN, DUMKA, JHARKHAND
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 दिनांक 15 नवंबर 2023, भगवान बिरसा मुंडा जयंती के शुअवसर पर जन शिक्षण संस्थान विकास भारती दुमका द्वारा "3rd Janjatiya Gaurav Divas 2023" मनाया गया. 

3rd Janjatiya Gaurav Divas 2023


सर्वप्रथम भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के ऊपर माल्यार्पण किया गया। धूप - दीप, पुष्प आदि के साथ उनकी पूजा की गई। उसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जन शिक्षण संस्थान विकास भारती दुमका के प्रभारी निदेशक श्रीमती अन्नू ने कहा कि भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के बाद आज हम भारत में खुद को आजाद महसूस कर रहे हैं। कई वर्षों तक अंग्रेजों ने हमें गुलाम बना कर रखा। जरूरत से ज्यादा लगान हम पर लगाया गया। 


इन सब के बीच हमारे दुख को समझने वाला एक "धरती आबा" भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ लगान माफी के लिए सबसे पहले मुंडा विद्रोह का शुरूआत किया। बिरसा मुंडा और उनके शिष्यों ने क्षेत्र की अकाल पीड़ित जनता की सहायता करने की ठान रखी थी, जिस कारण उन्होंने अपने जीवन काल में ही एक महापुरुष का दर्जा पाया। बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी सिपाहियों के नाक में दम कर रखा था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई युद्ध लड़े। लेकिन भूख से पीड़ित हमारे अपनों ने ही महज 500 रुपए इनाम के लिए लालच में आकर अंग्रेजों को बिरसा मुंडा का गुप्त ठिकाना बता दिया। और बिरसा मुंडा गिरफ्तार हो गए। 


अंग्रेज जानते थे कि अगर बिरसा मुंडा जीवित रहे तो अंग्रेजों के खिलाफ फिर से लड़ाई लड़ेंगे इसलिए अंग्रेजों ने जेल में ही बिरसा मुंडा के खाने में जहर देकर उन्हें मार दिया और बिरसा मुंडा ने 9 जून 1990 को अपनी अंतिम साँसें ली। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में बिरसा मुंडा एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। भारत के आदिवासी आज भी उन्हें भगवान मानते हैं और धरती आबा के नाम से उनकी पूजा करते हैं। 


भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से हमें कई प्रेरणा मिलती है। 


अगर हमारे अपने लालच में ना आते तो हो सकता है कि हमारा देश 1947 से पहले भी आजाद हो सकता था। लेकिन भगवान बिरसा मुंडा का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। उनके बाद भी कई महापुरुषों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और आखिरकार 1947 में हमें अंग्रेजों के गुलामी से आजादी मिली। 


भगवान बिरसा मुंडा जी के सिद्धांतों और उनके सामाजिक संघर्षों को याद करते हुए हमें भी उनके उपदेशों का पालन करने और उनके उदाहरण से प्रेरणा लेने का समय आ गया है। हमें भी अपने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए और देश को अधिक समर्थ बनाने के लिए शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को स्थापित करना चाहिए। श्रीमती अन्नू ने कहा कि  भारत सरकार के दिशा निर्देश पर थर्ड जनजातीय गौरव दिवस 2023 अभी लगातार 26 नवंबर तक मनाया जाएगा। 


इस कार्यक्रम में कई बच्चियों ने भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी, भाषण के रूप में प्रस्तुत किया। उनके बलिदान को याद किया और इन्हीं के साथ धन्यवाद ज्ञापन के साथ जन शिक्षण संस्थान के कार्यक्रम पदाधिकारी दीपक कुमार सिंह ने कार्यक्रम का समापन किया। 


इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जन शिक्षण संस्थान विकास भारतीय दुमका के प्रभारी निदेशक श्रीमती अन्नू, कार्यक्रम पदाधिकारी दीपक कुमार सिंह, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार पांडे, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी (आजीविका) दर्शन हेंब्रम, अकाउंटेंट प्रदीप कुमार शर्मा, एम.आई.एस. श्रीराम कुशवाहा, मोबिलाइजर आनंद कुमार एवं सविता किस्कू, राजकुमार हेंब्रम, ज्योत्शना रानी, गायत्री देवी, सुबासी देवी, प्रीति देवी, मौसम कुमारी, नेहा कुमारी, अर्पिता कुमारी, सिंपी कुमारी, स्वीटी कुमारी, खुशी कुमारी, श्रद्धा कुमारी,  निकिता कुमारी, राधिका कुमारी, पल्लवी कुमारी, काजल कुमारी के साथ सैकड़ो प्रशिक्षणार्थियों ने अहम भूमिका निभाई।

































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