स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम
आज दिनांक 30 जुलाई 2022 को जन शिक्षण संस्थान विकास भारती दुमका द्वारा कस्तूरबा विद्यालय जामा में आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 16 जुलाई से 31 जुलाई 2022 तक चलने वाले "स्वच्छता पखवाड़ा "के अवसर पर कस्तूरबा विद्यालय जामा में जागरूकता शिविर एवं स्वच्छता पखवाड़ा के समर्थन में हस्ताक्षर कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
इस कार्यक्रम में विद्यालय की बच्चियों , वार्डन नेहा वर्मा, शिक्षिका संगीता कुमारी, ज्ञानवती कुमारी, एवम विद्यालय की बबली, चांदनी, सुजाता, गंगोत्री, करिश्मा, सावित्री, ज्योति, मौसम आदि सैकड़ों बालिकाओं ने भाग लिया साथ ही जन शिक्षण संस्थान के कार्यकारी निदेशक श्रीमती अन्नू, दर्शन हेम्ब्रम, आनंद कुमार, सविता किस्कु द्वारा कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। जन शिक्षण संस्थान के कार्यकारी निदेशक श्रीमती अन्नू ने बताया कि सामुदायिक पेयजल एवं स्वच्छता के अलावा निजी स्वच्छता ,शारीरिक स्वच्छता भी बहुत जरूरी है । विद्यालय के बच्चियों के बीच मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के बारे में चर्चा की गई मासिक धर्म के दौरान निजी स्वच्छता के प्रति सचेत सचेत रहने से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है यह भी बताया गया।
पुरुष के तुलना में स्त्री स्वच्छता ज्यादा जरूरी है क्योंकि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छ न रहने की वजह से कई स्त्री जनित बीमारियों की चपेट में आ सकते है। इन चीजों को गंभीरता से लेना चाहिए उन्होंने बताया कि मासिक धर्म एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है इसे उसी तरह लेना चाहिए । यह कोई छुपाने की चीज नहीं है और ना हीं शर्मिंदगी की, इसलिए इसके बारे में खुलकर चर्चा करनी चाहिए किसी तरह की समस्या हो तो छुपाना नहीं चाहिए । चर्चा के दौरान कई किशोरियों ने अपने अनुभवों को साझा किया। बच्चियों को गलनशील कचरा प्रबंधन के बारे में भी बताया गया कि यह एक वरदान है । ऐसे कचरे को यदि गड्ढा खोदकर जमा किया जाए तो यह कचरा कंपोस्ट में परिवर्तित हो जाएगा । यह खाद, विद्यालय परिसर के पौधों के लिए जीवनदायिनी होगा ।
परिसर की जमीन में सब्जियों के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा । किशोरियों को शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छता का संदेश भी दिया गया। यह संदेश विद्यालय के आस-पास के गांव में पहुंचाने के लिए प्रेरित किया गया । प्रतिभागियों ने आश्वासन दिया कि वह अपने गांव घर में जब भी जाएंगी तो इन मुद्दों पर ग्रामीणों को जागरूक करेंगी और शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छता के बारे में बताएंगी । कार्यशाला में जल जनित बीमारियों पर विस्तार से चर्चा की गई की अशुद्ध पेयजल से पेट एवं पाचन से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं बरसात के दिनों में जल ज्यादा अशुद्ध हो जाता है। अतः इन दिनों ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है।
गंदगी एवं शुद्ध पेयजल के कारण देश में लाखों लोग डायरिया जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं और काफी लोगों की मौत भी हो जाती है ।थोड़ी सी सावधानी से इस महामारी को टाला जा सकता है। विद्यालय परिसर के पानी टंकी को एक निश्चित अंतराल में साफ करने पर भी बल दिया गया । किशोरियों ने परिवार एवं समुदाय में खुले में शौच न करने का संदेश पहुंचाने का संकल्प लिया। बताया गया कि यह एक व्यवहार समस्या है जिसके लिए सतत जागरण की जरूरत है। कार्यशाला में किशोरियों द्वारा हस्ताक्षर करके संकल्प लिया गया की प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे एवं इसके बारे में अपने गाँव ,समाज ,परिवार में जानकारी, जागरूकता लाने का प्रयास करेंगी ।