दिनांक 26 नवंबर 2022 को जन शिक्षण संस्थान विकास भारती दुमका के कार्यालय में संविधान दिवस मनाया गया। जिसमें शपथ, भाषण एवं क्विज प्रतियोगिता रखा गया एवं प्रतिभागियों के बीच प्रमाण पत्र वितरण किया गया आज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सिकंदर मंडल अधिवक्ता दुमका, कार्यक्रम प्रबंधक तेजस्विनी एवं कानूनी सलाहकार कुमार अभिनंदन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी (तेजस्विनी) मनोज कुमार सिन्हा एवं जन शिक्षण संस्थान के प्रभारी निदेशक श्रीमती अन्नू के द्वारा संविधान दिवस के बारे में काफी महत्वपूर्ण बातें बताई गई।
सर्वप्रथम जन शिक्षण संस्थान विकास भारती दुमका, के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी (आजीविका) दर्शन हेंब्रम के द्वारा सभी का अभिवादन किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि सिकंदर मंडल अधिवक्ता दुमका के द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी व्यक्तियों को शपथ दिलाया गया एवं संवैधानिक मूल्यों, कर्तव्यों के साथ कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दिया गया। इसी कड़ी में जन शिक्षण संस्थान विकास भारती दुमका के प्रभारी निदेशक श्रीमती अन्नू ने बताया कि हमारे देश का संविधान हमारे जन्म के पूर्व मां के गर्भ से मृत्यु तक हमें हर प्रकार की कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है। कोई भी भारतीय नागरिक मां के गर्भ में पल रहे नवजात का लिंग जांच नहीं करवा सकता और ना ही अपने मन से गर्भपात करा सकता हैं। यह सभी अधिकार हमें हमारे जन्म के पूर्व से ही मिलने लगता है। क्योंकि यह सभी अधिकार हमारे भारतीय संविधान में निहित है। संविधान के कानून केवल मनुष्यों पर ही सीमित नहीं है। जानवरों, पशु - पक्षियों, पेड़-पौधों सभी को अपने-अपने अधिकार हमारे संविधान से प्राप्त है। इसी बीच मनोज कुमार सिन्हा द्वारा संविधान की बारीकियों से सभी को अवगत कराया गया तत्पश्चात क्विज प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर जन शिक्षण संस्थान के एम.आई.एस. श्रीराम कुशवाहा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समाप्त किया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जन शिक्षण संस्थान विकास भारतीय दुमका के प्रभारी निदेशक श्रीमती अन्नू, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी दीपक कुमार सिंह एवं दर्शन हेंब्रम (आजीविका), अकाउंटेंट प्रदीप कुमार शर्मा, एम.आई.एस. श्रीराम कुशवाहा, आनंद कुमार, सविता किस्कू, राजकुमार हेम्ब्रम, कुमार सुंदरम, मृत्युंजय कुमार एवं सुषमा देवी, सुभाषी देवी, देव प्रिया कुमारी, रिचा कुमारी, आंचल कुमारी, सुकन्या कुमारी, नुसरत परवीन, सुजाता दत्ता, नीतू कुमारी, तन्नू कुमारी, नेहा कुमारी, पूर्णिमा दासी आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।